"जीवन में एक बड़ी गहरी खाई पैदा हो गयी है जिसे भरकर सड़क नहीं बना सक रहा ।
पुल बनता हूँ मगर वो भी हर समय साथ नहीं देता ; मौके-मौके पे टूट जाता है ..."
Tuesday, October 25, 2011
तमसो मा ज्योतिर्गमय
" कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है ; सामना आज उनसे होना है...
तोड़ो, फैंको , रखो , करो कुछ भी ; दिल हमारा है ; क्या खिलौना है ...
ज़िन्दगी और मौत का मतलब ; तुमको पाना है तुमको खोना है ...
तोड़ो, फैंको , रखो , करो कुछ भी ; दिल हमारा है ; क्या खिलौना है ...
ज़िन्दगी और मौत का मतलब ; तुमको पाना है तुमको खोना है ...
इतना डरना भी क्या है दुनिया से ; जो भी होना है वोह तो होना है...
उठ के महफ़िल से मत चले जाना ; तुमसे रौशन यह कोना कोना है ... "
कहीं कुछ रौशन है अगर कहीं कुछ जल रहा है...और जिसके जलने में ही महफिले दुनिया में रौनक है । रौशनी के त्यौहार दीपावली पे और क्या बात की जाए... एक शामे ग़ज़ल हो और उजालों से शुरुआत की जाए ।
इस महीने की २५ तारीख की किस्मत में दिवाली साथ है...दिए और बाती हर तरफ सजे हैं...आँखे दुनिया की चका चौंध को देख के फुले नहीं समां रही...हर जगह उमंग है , उत्साह है, त्यौहार है ।
मगर बाहर सब कुछ होते भी भीतर भी क्या वोही बात है?
ज्योति जो अंतर में अहर्निस जलती है क्या उसके लिए हमारे मन में वैसा ही अहलाद है? या फिर ये सब फ़िज़ूल की बात है ?
नहीं... मालुम है हमें की ...यही वो खाश बात (राज़) है जो हमेशा हमारी गुफ्तगू में साथ है ...
तो फिर, वहां अंतर्जगत में भी थोडा उजाला लाओ , दिए में तेल कहीं रीत रहा है ...जरा बाती तो उस्काओ ... आओ मेरे हमदम, थोड़े अपने भी करीब आओ...
"असतो मा सद्गमय ,तमसो मा ज्योतिर्गमय ,
मृत्योर्मा अमृतं गमय , आविरावी मयेधि"
और मित्रों सदैव याद रखें बुद्ध के वे अंतिम वचन .... "अप्प दीपो भव !"
[Be a Light unto Thyself]
ॐ शांति ! शांति! शांति!
Monday, October 17, 2011
Everyone says 'I Love You!' ...I am through with Love.
I'm Through With Love...
-Marilyn Monroe, Ella Fitzgerald
-Marilyn Monroe, Ella Fitzgerald
I have given you my true love,
But you love a new love.
But you love a new love.
What am I supposed to do now With you now, you're through?
You'll be on your merry way , And there's only this to say:
I'm through with love
I'm through with love
I'll never fall again.
said adieu to love
Don't ever call again.
For I must have you or no one
And so I'm through with love.
I've locked my heart
I've locked my heart
I'll keep my feelings there.
I have stocked my heart with icy, frigid air.
And I mean to care for no one
And I mean to care for no one
Because I'm through with love.
Why did you lead me
to think you could care?
You didn't need me
for you had your share
of slaves around you
to hound you and swear
with deep emotion and devotion to you.
Goodbye to spring and all it meant to me
It can never bring the thing that used to be.
For I must have you or no one...And so I'm through with love.....
Monday, October 10, 2011
ग़ज़ल कुछ खामोश सी है आज....जगजीत सिंह, हमारे बीच नहीं रहे...
'वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी....'
मेरी जिंदगी में मैंने जो कुछ सुकून के पल कहीं किन्ही लोगों के बीच रह या न रह कर पाया उनमे जगजीत सिंह जी की गज़लें हमेशा रही हैं...
मैंने अपनी जिन्दगी के हर खट्टी मीठी यादों में उनकी ग़ज़लों और नज्मों के साथ अपने जज्बातों का बोहोत गहरा लगाव पाया...उनकी ग़ज़ल सुनना मेरे लिए वाकई 'महबूब से की गई बात' है...
उनका अंदाज़े बयां और सुर साज़ का बेजोड़ संगम , हम ग़ज़लों के कद्रदानों को बोहोत खटकेगा.....बोहोत याद आओगे तुम ...
मेरी बोहोत तमन्ना थी की जगजीत जी के किसी लाइव कंसर्ट में जाता और उनको करीब से देख पता , सुन पता ...मगर ये हो न सका... और अब ये आलम है... की तू नहीं...
मुझे तो अपनी जिंदगी में ऐसा लग रहा है की मेरी ग़ज़लों की ख्वाहिश कहीं यतीम हो गयी...अब हर बार जब मैं उनको सुनूंगा और कहीं न कहीं जब मेरे दिल के तारों को उनकी दर्द भरी आवाज़ छुएगी , बस कराह उठूँगा... इतने उम्दा फनकार की गैर मौजूदगी को ले कर...अभी भी मेरे हाथ कांप रहे हैं... आँखें छलक रही हैं...
मेरी जिंदगी में मैंने जो कुछ सुकून के पल कहीं किन्ही लोगों के बीच रह या न रह कर पाया उनमे जगजीत सिंह जी की गज़लें हमेशा रही हैं...
मैंने अपनी जिन्दगी के हर खट्टी मीठी यादों में उनकी ग़ज़लों और नज्मों के साथ अपने जज्बातों का बोहोत गहरा लगाव पाया...उनकी ग़ज़ल सुनना मेरे लिए वाकई 'महबूब से की गई बात' है...
उनका अंदाज़े बयां और सुर साज़ का बेजोड़ संगम , हम ग़ज़लों के कद्रदानों को बोहोत खटकेगा.....बोहोत याद आओगे तुम ...
मेरी बोहोत तमन्ना थी की जगजीत जी के किसी लाइव कंसर्ट में जाता और उनको करीब से देख पता , सुन पता ...मगर ये हो न सका... और अब ये आलम है... की तू नहीं...
मुझे तो अपनी जिंदगी में ऐसा लग रहा है की मेरी ग़ज़लों की ख्वाहिश कहीं यतीम हो गयी...अब हर बार जब मैं उनको सुनूंगा और कहीं न कहीं जब मेरे दिल के तारों को उनकी दर्द भरी आवाज़ छुएगी , बस कराह उठूँगा... इतने उम्दा फनकार की गैर मौजूदगी को ले कर...अभी भी मेरे हाथ कांप रहे हैं... आँखें छलक रही हैं...
तुम नहीं आये अभी फिर भी तो तुम आये हो ,
रात के सीने में महताब की खंजर की तरह
सुबह के हाथ में खुर्शीद के सागर की तरह...
तुम नहीं आओगे जब फिर भी तो तुम आओगे , ज़ुल्फ़ -दर -ज़ुल्फ़ बिखर जायेगा फिर रात का दम ,
शबेतन्हाई में भी लुत्फ़ ऐ -मुलाकात का रंग ,
आओ आने की करे बात के तुम आये हो...
आओ आने की करे बात के तुम आये हो....
अब तुम आये हो तो मैं कौन सी शेह नज़र करू ,
की मेरे पास सिवा मैहर -ओ-वफ़ा कुछ भी नहीं ,
एक दिल एक तमन्ना के सिवा कुछ भी नहीं ...
एक दिल एक तमन्ना के सिवा कुछ भी नहीं ....
Thursday, October 6, 2011
Stay Hungry,Stay Foolish!
'Steve Jobs is no more with us....' Today morning this news was really haunting for many of his fans.
Steve was a man with Vision and he will always be remembered for his tireless efforts to make technology available for common man with revolutionary user experience.
May God rest his soul in peace!
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- smilekapoor
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