आज मिले हैं , कल की खबर भी नहीं ...जिंदगी इंतनी मुख़्तसर भी नहीं ...
ज़ख्म दीखते नहीं अभी लेकिन;ठन्डे होंगे तोह दर्द निकलेगा...
तैश उतरेगा कई का जब भी;चेहेरा अन्दर से ज़र्द निकलेगा ...
कच्ची मिट्टी है दिल भी इंसान भी ; देखने ही में सख्त लगता है...
आंसू पोंछें के आंसू के निशाँ ;खुश्क होने में वक़्त लगता है...
आज बोहोत दिनों बाद अपने दोस्तों के साथ मैं शहर से दूर कहीं धुमने गया था... इन दिनों एक बेखुदी सी है कहीं मुझमे जिसने आज मेरी जान ही ले लेनी थी... पर गोया की कुछ खाब अभी बाकी हैं शायद सो थोड़ी देर और जिंदगी बक्शी मेरे परवरदिगार ने....
दोपहर खाने के पहले हम कुछ मित्र स्विमिंग पूल में नहाने उतरे । मैं अभी तैरने में उतना पारंगत नहीं हुआ हूँ, पर पता नहीं किस ताकत ने मुझे ५ (पाँच) से ९ (नौ) फीट गहराई में खीच लिया,और मैं कुछ मिनटों तक अपनी मौत के बेहद करीब चला गया था । वो तो पास ही खड़े एक दोस्त (अविनाश) ने देखा मुझे तड़पते और पानी में जिंदगी के लिए जद्दो जहद करते तो कूद कर मुझे बचाया । जरा - जरा से एक हादसा होते टला... और किसी की सदा , किसी की दुआ थी साथ...
मौत से मेरा ये सामना मेरी जिंदगी का एक बेहद रोमांचकारी और यादगार लम्हा था...
"न गए दिनों को खबर मेरी , न शरीके हाल नज़र तेरी ;
दोपहर खाने के पहले हम कुछ मित्र स्विमिंग पूल में नहाने उतरे । मैं अभी तैरने में उतना पारंगत नहीं हुआ हूँ, पर पता नहीं किस ताकत ने मुझे ५ (पाँच) से ९ (नौ) फीट गहराई में खीच लिया,और मैं कुछ मिनटों तक अपनी मौत के बेहद करीब चला गया था । वो तो पास ही खड़े एक दोस्त (अविनाश) ने देखा मुझे तड़पते और पानी में जिंदगी के लिए जद्दो जहद करते तो कूद कर मुझे बचाया । जरा - जरा से एक हादसा होते टला... और किसी की सदा , किसी की दुआ थी साथ...
मौत से मेरा ये सामना मेरी जिंदगी का एक बेहद रोमांचकारी और यादगार लम्हा था...
"न गए दिनों को खबर मेरी , न शरीके हाल नज़र तेरी ;
तेरे देश में , मेरे भेष में , कोई और था , कोई और है ...
मेरी ज़िन्दगी किसी और की मेरे नाम का कोई और है ;
मेरी ज़िन्दगी किसी और की मेरे नाम का कोई और है ;
मेरा अक्स है सरेआइना , पसे आईना कोई और है ..."
मैंने सोचा की गया मैं तो मैं लोगों के बीच क्या छोड़ जाऊंगा? अपने इन्टरनेट मित्रों के बीच एक unattended FACEBOOK, ORKUT, LINKEDIN, Gmail, Blog etc...??
or a few MBs/GBs of Webspace? What will be the legacy? For what my beloved ones will remember me..? and Why ? Anyone from my Family ,Friend or Acquaintance will mourn for me for few days and then they will continue their own Life or Race...to meet the same destiny..called DEATH.
So, in a manner of speaking I would like to THANK them all for everything they knowingly or unknowingly offered me...blessed me or cursed me...
मैंने सोचा की गया मैं तो मैं लोगों के बीच क्या छोड़ जाऊंगा? अपने इन्टरनेट मित्रों के बीच एक unattended FACEBOOK, ORKUT, LINKEDIN, Gmail, Blog etc...??
or a few MBs/GBs of Webspace? What will be the legacy? For what my beloved ones will remember me..? and Why ? Anyone from my Family ,Friend or Acquaintance will mourn for me for few days and then they will continue their own Life or Race...to meet the same destiny..called DEATH.
So, in a manner of speaking I would like to THANK them all for everything they knowingly or unknowingly offered me...blessed me or cursed me...
At the very moment when Life says GOOD BYE and DEATH beckons a WELCOME drink for the Mystery world ... what the MIND thinks ? what the HEART feels ? what the Soul says ?
Can't say...can't share... Just few tears in eyes and an emptyness all surrounding...
Ultimately should pause here with a beautiful song offering HOPE to LIVE and ENJOY the very LIFE we have now... Cheers my Love!!
" एक अन्धेरा लाख सितारे , एक निराशा लाख सहारे ; सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन नादाँ हैं जो जीवन से हारे ..."
Can't say...can't share... Just few tears in eyes and an emptyness all surrounding...
Ultimately should pause here with a beautiful song offering HOPE to LIVE and ENJOY the very LIFE we have now... Cheers my Love!!
" एक अन्धेरा लाख सितारे , एक निराशा लाख सहारे ; सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन नादाँ हैं जो जीवन से हारे ..."
1 comment:
nice presentation :)
bas be-takaluffi hai maut se jo jindgi se kanh bhi nahi...
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